सोमवार को एक नए अध्ययन के मुताबिक पिछले दो दशकों के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता 2016 में सबसे ज्यादा खतरनाक थी और जिससे यहां रह रहे लोगों की जीवन प्रत्याशा में 10 साल से अधिक की कमी आई है। अध्ययन में यह भी बताया गया कि नेपाल के बाद भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है और दिल्ली देश के 50 सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में दूसरे नंबर पर है। अध्ययन में कहा गया कि एशिया में जीवन प्रत्याशा की कमी सबसे ज्यादा हुई है जो भारत और चीन के अनेक हिस्सों में छह साल से ज्यादा कम हुई है।
एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो (एपिक) द्वारा तैयार वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक और संलग्न रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में सूक्ष्मकणों से प्रदूषण से औसत जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष कम हुई है जो यह मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
स्टडी के रिजल्ट बताते हैं कि पिछले दो दशकों में भारत में सूक्ष्मकणों की सांद्रता औसतन 69 प्रतिशत बढ़ गई, जिससे एक भारतीय नागरिक की जीवन अवधि की संभावना 4.3 साल कम हुई जबकि 1996 में जीवन प्रत्याशा में 2.2 साल की कमी का अनुमान था। देश के 50 सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में दिल्ली का स्थान बुलंदशहर के बाद दूसरे नंबर पर है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, कि अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो वर्ष के इस समय के दौरान सामान्य है। न्यूनतम तापमान 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है। हवा में नमी का स्तर 91और 45 प्रतिशत के बीच दर्ज किया गया।