उद्योग जगत के दिग्गजों को सभी क्षेत्रों में वरिष्ठ लोगों की देखभाल के लिए उभरते क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाना चाहिए। यह बात भारतीय उद्योग के परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित ‘फर्स्ट एनुअल सीनियर केयर कॉनक्लेव में आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कही। कार्यक्रम में बोलते हुए श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जिस प्रकार वैश्विक जनसांख्यिकीय में तेजी से बदलाव है उसी तरह वरिष्ठ देखभाल सेवाओं की मांग में तेज वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य सेवाओं को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि गंभीर परिस्थितियों और बीमारियों के इलाज करने के लिए सेवा प्रदाताओं के बीच एक पूर्ण समन्वय बने।’ श्रीमती पटेल ने सीआईआई की रिपोर्ट ‘इगनाइटिंग पोटेंशियल इन सीनियर केयर सर्विस’ को जारी किया। साथ ही एक प्रदर्शनी कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जिस तेजी से वैश्विक स्तर पर जनसांख्यिकीय में तेजी से बदलाव आया है, उससे वरिष्ठ लोगों की देखभाल संबंधी सेवाओं की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यह आबादी की बढ़ती जीवन प्रत्याशा और वैश्विक स्तर पर एकल परिवारों की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ-साथ वरिष्ठ देखभाल क्षेत्र में वृद्धि को और तेज कर दिया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की पहलों की विशेषता का जिक्र करते हुए श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) शुरू किया गया है।’ उन्होंने कहा कि यह बुजुर्ग लोगों के विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को रेखांकित करता है और यह कार्यक्रम सरकार की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं की एक अभिव्यक्ति है। यह कार्यक्रम राज्य उन्मुख और बुनियादी आधार है। साथ ही यह वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से ज्यादा की आयु) को प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न स्तरों पर समर्पित स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा, ‘एनपीएचसीई कार्यक्रम का मूल उद्देश्य पहुंच वाली सेवाओं सहित राज्य स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के विभिन्न स्तरों पर वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित, विशिष्ट और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है। निवारक और प्रचारक देखभाल, बीमारी का प्रबंधन, जेरियाट्रिक सेवाओं के लिए स्वास्थ्य जनशक्ति विकास, चिकित्सा पुनर्वास और चिकित्सकीय हस्तक्षेप और आईईसी एनपीएचसीई में विचार की गई कुछ रणनीतियां हैं।’
मंत्री ने कहा कि 11 वीं योजना अवधि के दौरान चयनित मेडिकल कॉलेजों में रेफरल इकाइयों के रूप में 21 राज्यों और आठ क्षेत्रीय गेरियट्रिक्स केंद्रों के 100 पहचाने गए जिलों में एनपीएचसीई को शुरू किया गया था। मार्च 2018 तक, 34 राज्यों और केंद्र शासित के 520 जिलों को जेरियाट्रिक देखभाल सेवाओं के प्रावधान के लिए मंजूरी दे दी गई थी। उन्होंने विस्तारपूर्वक बताया, ‘विशेष देखभाल और प्रशिक्षण उद्देश्य के लिए स्वीकृत 18 राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 19 क्षेत्रीय जेरियाट्रिक केंद्र स्थापित हैं। एम्स दिल्ली और मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई में एजिंग (एनसीए) के दो राष्ट्रीय केंद्रों को जेरियाट्रिक्स के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। 2018-19 में, 599 जिलों में जेरियाट्रिक देखभाल सेवाओं के प्रावधान के लिए मंजूर 79 और जिलों की सिफारिश की गई है।’