लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ 24 घंटे ही बचे हैं. लेकिन इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार को कई झटके लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी को चुनाव आयोग ने कई झटके दिए हैं, तो वहीं मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. पहले चुनाव आयोग ने NaMo TV, दूरदर्शन पर मैं भी चौकीदार और छापेमारी पर लेकर सख्ती दिखाई और कुछ ही देर में सुप्रीम कोर्ट से राफेल मुद्दे पर सरकार को झटका लगा.
1. राफेल पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
राफेल विमान सौदे में कथित घोटाले को लेकर कांग्रेस पहले ही केंद्र सरकार को घेर रही थी. मामला अदालत तक पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को राहत दी थी, लेकिन इस पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई. ये याचिका एक अखबार में छपे कुछ दस्तावेजों के आधार पर दाखिल की गई थी, जिसे अब अदालत ने स्वीकार कर लिया है. यानी राफेल पर एक बार फिर पूरी तरह से कार्रवाई हुई थी. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार पर कम दस्तावेज देने का आरोप लगा था.
2. NaMo TV पर चुनाव आयोग की टेढ़ी नज़र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बने NaMo TV पर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग ने इसे एक राजनीतिक विज्ञापन माना है और भारतीय जनता पार्टी से इस पर होने वाले खर्च की जानकारी देनी की बात कही है. इतना ही नहीं इस चैनल पर चलने वाले सभी विज्ञापनों को पहले चुनाव आयोग की कमेटी को दिखाना होगा. NaMo TV पर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी को पहले ही घेरता आ रहा है, क्योंकि इसके प्रसारण के लिए किसी की इजाजत नहीं ली गई थी.
3. दूरदर्शन को चुनाव आयोग ने लपेटा
सरकारी चैनल दूरदर्शन ने 31 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के मैं भी चौकीदार कैंपेन को लाइव दिखाया था. इस पर आयोग ने उससे जवाब मांगा है. चुनाव आयोग ने कहा है कि सरकारी चैनल को सभी पार्टियों को समान एयरटाइम कवरेज देना चाहिए. दूरदर्शन ने मैं भी चौकीदार कार्यक्रम को करीब 85 मिनट के लिए लाइव दिखाया था.
4. ‘छापेमारी हम से पूछ कर करो’
कांग्रेस नेताओं के करीबियों पर आयकर विभाग की छापेमारी चुनावी मुद्दा बन गई है. वहीं चुनाव आयोग ने जांच एजेंसियों से कहा है कि वह इस तरह की छापेमारी से पहले हमसे इजाजत लें. मध्य प्रदेश में हुई छापेमारी की जानकारी भी EC को नहीं थी. बता दें कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है.