1984 के सिख विरोधी दंगे मामले में 34 साल बाद कोर्ट का फैसला आया, जिसमें एक शख्स को फांसी, तो एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने महिपालपुर इलाके में दो लोगों की हत्या के दोषी यशपाल को फांसी की सजा सुनाई थी। मामले में दोषी करार दिए गए नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब कोर्ट के इस फैसले को मुद्दा बनाकर भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 35 साल में कांग्रेस पार्टी द्वारा योजनाबद्ध और सुनियोजित तरीके से इस बात की पूरी कोशिश की गई कि 1984 के नरसंहार के आरोपियों के खिलाफ कोई प्रमाणिक कार्रवाई न हो।
जैसा कि सबको मालूम है 84 के सिख विरोधी दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्डों द्वारा हत्या के बाद, प्रतिशोध स्वरूप हुए थे। देश भर में ढूंढ-ढूंढ कर सिखों को मौत के घाट उतार दिए गए। इन सिख विरोधी दंगों पर राजीव गांधी ने एक बयान दिया था कि ‘बरगद का पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है’। उनके इसी बयान पर रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को घेरा और इन दंगों के प्रति कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी के बरगद वाले बयान ने उत्तेजना फैलाने का काम किया। कांग्रेस ने आज तक अपने आप को राजीव गांधी के बयान से अलग नहीं किया है। इंसानियत का तकाजा था कि न्याय मिलना चाहिए था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी दवाब के बाद अपने बयान पर खेद जताया, लेकिन राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने उस पर कुछ नहीं कहा।’
रविशंकर प्रसाद ने पटियाला हाइकोर्ट के फैसले से संतोष जताया। उन्होंने कहा ‘1984 के नरसंहार के मामले में मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट ने दो अपराधियों में से एक को फांसी और एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस फैसले से हमें संतोष है। आज देश को यह बताने की जरूरत है कि कांग्रेस की सरकार ने अपनों को बचाने के लिए… जिनके अपने मारे गए उन्हें न्याय ना मिले, इसकी पूरी कोशिश की है। इंसानियत का तकाजा था कि न्याय मिलना चाहिए था’।
राजीव गांधी का बयान गैर जिम्मेदाराना था
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनकी पहली बरसी पर इंडिया गेट पर एक सभा हुई। इसमें स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि जब बरगद का पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। पहले ही दिन से भारत के प्रधानमंत्री ने यह संदेश दिया कि ‘धरती हिलती है’। मतलब कुछ गलत नहीं हुआ। इससे गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं हो सकता। मेरा साफ आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने आज तक उनके इस भाषण से अपने आप को अलग नहीं किया है। राजीव गांधी का बयान जले पर नमक की तरह था’।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘सिखों को न्याय दिलाने के लिए पहला कदम अटल बिहारी वाजपेयी ने उठाया था। उन्होंने रिटॉयर्ड जज नानावटी की अगुवाई में कमीशन बनाया था। हमारी सरकार 2004 में चली गई, इसलिए फिर उस पर कोई काम नहीं हुआ। मोदी के नेतृत्व में जब दोबारा हमारी सरकार आई, तब 2015 में हमने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने ईमानदारी से काम किया, इसीलिए आज सजा मिली है’।