गुरुवार शाम 7.30 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन के पास बेहद दर्दनाक हादसा हो गया। इस हादसे में 6 लोगों के मारे जाने की खबर है तो वहीं 35 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल है। यह हादसा सीएसटी रेलवे स्टेशन पर जाने वाले एक फुटओवर ब्रिज का आधा हिस्सा गिरने से हुआ है। इस दुर्घटना पर बॉलीवुड सितारों सहित कई लोगों ने दुख जाहिर करते हुए शोक जताया हैं। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बड़ी बात तो यह है, इस पुल को स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट ने 6 महीने पहले ही फिट घोषित किया गया था। ऐसे में इस त्रासदी के सर्वेक्षण की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े होते है। हादसे के बाद बीएमसी कमिश्नर ने स्ट्रक्चरल ऑडिट से सभी दस्तावेजों को जब्त करने का आदेश दिए है। देखना होगा इन दस्तावेजों को जब्त करने के बाद बीएमसी क्या कार्रवाई करती है।
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार यह फुट ओवर ब्रिज 35 साल पहले बना था। इस पुल का अंतिम बार मरम्मत 2010-11 में किया गया था। जबकि 2016 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस पुल के उतरी छोर का सौंदर्यीकरण किया गया, लेकिन मरम्मत तब भी नहीं किया गया। 2016 में मुबंई के बाहरी इलाके में एक बड़े पुल के ढहने के बाद बीएमसी द्वारा यह सर्वेक्षण शुरू किया गया था। सरकार द्वारा सभी पुलों के सर्वेक्षण का आदेश तो दे दिया गया, परंतु इस कार्य को 3 महीने में पूरा करना था, यह कार्य समय से खत्म नहीं हो पाया।
इस साल के जनवरी माह में बीएमसी ने 65 करोड़ रुपये खर्च करके 50 से अधिक पुलों फ्लाईओवर, एफओबी और स्काईवॉक की मरम्मत को मंजूरी दी थी। इसके बावजूद भी शहर में इतना बड़ा हादसा हो जाता है।
इस ऑडिट में 314 पुलों में से 14 तोड़कर फिर से बनाने की सिफारिश की गई थी। जिसमें 5 एफओबी, 47 अन्य पुलों को बड़ी मरम्मत की जरुरत, 176 पुलों को पुलों को मामूली मरम्मतत का जरूरत है। जबकि 77 पुलों को फिट घोषित किया गया था। ऐसे में सवाल उठते है, आखिर कैसे इतना बड़ा हादसा हो जाता है। इस हादसे की जिम्मेदारी कौन लेगा।