कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंडियन इकोनॉमी पॉलिसी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने माना कि मौजूदा वक्त में जो देश में इकोनॉमी पॉलिसी है उसमें बदलाव की सख्त जरूरत है, क्योंकि यह अब केवल पूंजीपतियों के हित से जुड़ी पॉलिसी बनकर रह गई है. इसलिए इसका फायदा केवल देश के 2-3 फीसद लोगों को ही मिल रहा है.
एक इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्ज माफी स्कीम इंडियन इकोनॉमी मॉडल में बदलाव की झलक है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में नरेंद्र मोदी सरकार ने जो इकोनॉमी मॉडल अपनाया है, वह 2012 आते-आते फ्लॉप हो गया था.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो इकोनॉमी मॉडल 1990 अपनाया गया था, उससे भारत को बहुत फायदा हुआ. उसी मॉडल को 2004 में कुछ बदलाव के साथ इस्तेमाल किया गया, और उस समय भी देश को फायदा हुआ. लेकिन यह मॉडल 2012 में बिल्कुल चलना बंद हो गया.
राहुल गांधी ने कहा, 'जो इकोनॉमी मॉडल 2012 में चलना बंद गया, जो मॉडल 2012 तक पहुंचते-पहुंचते बिल्कुल फ्लॉप हो गया. लेकिन नरेंद्र मोदी की त्रासदी यही थी कि उन्होंने उसी मॉडल को उठा लिया, जो बिल्कुल चलने लायक नहीं था.'
उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह जी और हमने स्वीकार किया कि जो मॉडल 2004 में और 2009 में चला, वो 2012 में बिल्कुल चलने लायक नहीं था. खुद हमने जब इस मसले पर मनमोहन जी से बात की तो उन्होंने उस टाइम बताया था कि यह मॉडल चलने वाला नहीं है और इसमें बदलाव की जरूरत है. लेकिन नरेंद्र मोदी ने उसी मॉडल को आगे बढ़ा दिया, जिसका परिणाम आज सामने है.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कहा कि देश में गरीब-अमीर की खाई को पाटने के लिए अब नया मॉडल लेकर आना पड़ेगा. राहुल गांधी की मानें तो हिंदुस्तान को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी को नया मॉडल लेकर आना होगा, जिसमें पास्ट से फ्यूचर को जोड़ना पड़ेगा.