किसी भी क्षेत्र के विकास में युवाओं का सबसे बड़ा योगदान रहता है, जब युवाओं को सही शिक्षा और सही रोजगार मिलेगा, तभी उस क्षेत्र का विकास संभव हो पाएगा। जिस तरह युवाओं के लिए शिक्षा जरूरी है, ठीक उसी तरह क्षेत्र के विकास के लिए उद्योगों का लगना भी जरूरी होता है। जिस क्षेत्र में जितने उद्योग लगेंगे, उस क्षेत्र में उतना ही अधिक विकास होगा। जिससे क्षेत्र की जनता को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।
आज हम बात करेंगे हरियाणा के रोहतक लोकसभा क्षेत्र की। रोहतक में हो रहे लगातार उद्योगों के विस्तार से कैसे रोहतक उद्योगों का नया हब बनता जा रहा है। सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा लगातार तीन बार सांसद रहे चुके हैं। रोहतक में पिछले 14 सालों से जिस गति से विकास हुआ है, उस विकास से क्षेत्र में उद्योगों का तेजी से विस्तार हुआ है।
जहां इस क्षेत्र में आईएमटी (इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप) रोहतक, फुटवियर पार्क बहादुरगढ़, एमईटी (मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप) झज्जर और एशियन पेंट्स, मारुति सुजुकी, सुजुकी मोटर साइकिल इंडिया, निप्पो कार्बाइड, पैनासोनिक, डेन्सो इंडिया, योकोहामा, साबरकांठा जैसे कई बड़े कंपनियां खुली हैं, तो वहीं NTPC के 2 कारखाने सहित 600 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग खुले हैं। इन उद्योगों के खुलने से रोहतक संसदीय क्षेत्र सहित आस-पास के लाखों युवाओं को रोजगार मिला हैं। जिससे युवाओं में शिक्षा और रोजगार के प्रति एक अच्छा माहौल बना है। रोहतक संसदीय क्षेत्र में इन उद्योगों को लाने और लगाने में रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने उद्योग जगत के लिए ना सिर्फ जमीन स्वीकृत करवाई बल्कि क्षेत्र में उद्योग हेतु अच्छा माहौल बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है।
एक आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला है, कि पिछले 5 सालों में बीजेपी की केंद्र और हरियाणा की खट्टर सरकार ने रोहतक संसदीय क्षेत्र में कोई उद्योग नहीं लगाया है, ना ही क्षेत्र में कोई उत्कृष्ट विकास कार्य किया। जो केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की खट्टर सरकार का रोहतक संसदीय क्षेत्र से सौतेले व्यवहार को दर्शाता है। वहीं अगर यूपीए सरकार के शासन काल की बात करें, तो 2004 से लेकर 2014 तक रोहतक संसदीय क्षेत्र में 600 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग लगें। जिसके चलते रोहतक को उद्योग जगत का गढ़ भी कहा जाने लगा है।