अति भीषण चक्रवाती तूफान फानी ओडिशा के पुरी से तकरीबन 450 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच गया है, अब यह तूफान ओडिशा के तटीय इलाकों की तरफ अपना रुख कर चुका है. मौसम विभाग की ताजा जानकारी के मुताबिक फानी तूफान की दिशा उत्तर-पूर्व हो चुकी है. ऐसा पूर्वानुमान है कि यह चक्रवाती तूफान 3 मई को दोपहर में गोपालपुर और चंद्रबली के बीच में पुरी के आसपास लैंडफॉल करेगा.
तेज हवाओं के साथ होगी भारी बारिश
पूर्वानुमान है कि जिस वक्त यह तूफान ओडिशा की जमीन से टकराएगा उस वक्त चलने वाली हवाओं की रफ्तार 170 से 180 किलोमीटर प्रतिघंटे होगी, जो कभी हवा के झोंकों में 200 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच जाएगी.
मौसम विभाग के एडीजी डॉ महापात्रा के मुताबिक साइक्लोन फानी की वजह से सबसे ज्यादा असर ओडिशा के तटीय इलाकों में पड़ रहा है. ऐसा पूर्वानुमान है कि अगले 12 से 24 घंटे में ओडिशा के दक्षिणी तटीय इलाके और अंदरुनी ओडिशा में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश शुरू हो जाएगी. उसके बाद यह बारिश काफी तेज होगी और 3 मई की दोपहर होते-होते ओडिशा के ज्यादातर इलाकों में मध्यम से अति भारी बारिश होने का अंदेशा मौसम विभाग जता रहा है.
200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
ओडिशा के तटीय इलाके में गोपालपुर से लेकर बालासोर तक 3-4 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है. इन सभी इलाकों में 2 मई की रात को 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र की तरफ से तेज हवाएं चलेंगी. जिनकी रफ्तार लगातार बढ़ती जाएगी और 3 तारीख की सुबह होते-होते दक्षिणी ओडिशा और उससे लगे उत्तरी आंध्र प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के बीच जबरदस्त बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इस दौरान हवा की रफ्तार कई जगहों पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे को भी पार कर जाएगी.
समुद्र तट के पास निचले इलाकों के डूबने की आशंका
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ केजे रमेश के मुताबिक साइक्लोन फानी अति भीषण चक्रवाती तूफान है. इससे एक बड़े इलाके में नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तूफान ऐसे वक्त पर आ रहा है जब हाई टाइड है. हाई टाइड के वक्त समंदर का स्तर पूर्वी तट के लिए आमतौर पर 7 मीटर तक ऊपर चढ़ जाता है. ऐसे में अति भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से समंदर की लहरों में डेढ़ मीटर का और ज्यादा उछाल आने का अंदेशा है. कहा जा सकता है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कोस्टल इलाकों में समंदर का पानी ढाई से तीन मंजिल तक ऊपर चल जाएगा. इसका सीधा मतलब यह है कि जो निचले इलाके हैं उनमें समंदर का पानी भर जाएगा. इसको देखते हुए मौसम विभाग ने ओडिशा के खुरदा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों में निचले इलाकों से लोगों को हटाने की सलाह दी है.
फानी मचा सकता है तबाही
ऐसा अनुमान है ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों में साइक्लोन की तेज हवाओं और बारिश के चलते सभी तरीके के कच्चे घरों को नुकसान होने के साथ बिजली के खंभे और टेलीफोन के खंभों के उखाड़ने का अंदेशा है. खड़ी फसल को इस तूफान के चलते काफी नुकसान पहुंच सकता है तेज हवाओं के चलते बड़े-बड़े पेड़ उखड़ सकते हैं, लिहाजा लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहने की हिदायत दी गई है.
ओडिशा के बाद पश्चिम बंगाल में पहुंचेगा तूफान
ओडिशा के बाद साइक्लोन 4 मई को पश्चिम बंगाल में दाखिल हो जाएगा. इसकी वजह से पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अंदेशा है. इस वजह से पश्चिम बंगाल के कोस्टल इलाके में भी समंदर की ऊंची लहरों के साथ तेज हवाओं से हो रही बारिश के चलते नुकसान होने की आशंका है. लिहाजा यहां पर भी लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहने की हिदायत दी गई है.
कई जगह होगा तूफान का असर
साइक्लोन की वजह से आंध्र प्रदेश के उत्तरी इलाके में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश ज्यादातर जगहों पर अगले 24 घंटे तक देखी जाएगी. इसी के साथ विशाखापट्टनम और विजयनगरम जिलों में कई जगहों पर 20 सेंटीमीटर तक की भारी बारिश होने का भी अनुमान है. श्रीकाकुलम की अगर बात करें तो यहां के लिए मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है 3 मई को इस जिले में कई जगहों पर भारी बारिश का अंदेशा है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बाद यह तूफान कमजोर पड़ जाएगा लेकिन इसका असर दार्जिलिंग सिक्किम अरुणाचल प्रदेश असम और मेघालय तक बारिश के रूप में देखा जाएगा.