दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर के 2 वोटर आईडी कार्ड रखने के आरोप पर आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी से साक्ष्य मुहैया कराने को कहा है. कोर्ट ने आतिशी से समन से पूर्व दस्तावेज मुहैया कराने का आदेश दिया है.
आम आदमी पार्टी (AAP) की पूर्वी दिल्ली की उम्मीदवार आतिशी ने बीजेपी के गौतम गंभीर के खिलाफ दो वोटर कार्ड रखने की एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. उनका आरोप था कि गौतम गंभीर के पास दो अलग-अलग क्षेत्रों -करोल बाग और राजेंद्र नगर- से दो अलग-अलग वोटर कार्ड है. इस संबंध में आतिशी से चुनाव आयोग के अलावा कोर्ट में मामला दायर किया है. यह शिकायत तीस हजारी अदालत में धारा 155(2) के तहत दर्ज कराई गई है, जिसमें मामले की पुलिस जांच की मांग की गई है.
कोर्ट ने आतिशी को कोर्ट में पेश होकर इस मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज और बयान दर्ज करने के लिए 31 मई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी इस मामले में अपने दस्तावेज कोर्ट के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं.
इससे पहले दिल्ली में बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी रखने से जुड़े मामले में तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूर्वी दिल्ली से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे आतिशी और गौतम गंभीर चुनाव में किसको पटखनी देंगे यह तो 23 मई को साफ हो जाएगा.लेकिन कोर्ट में किसका पलड़ा भारी रहेगा, इसमें कई महीनों का समय कोर्ट की सुनवाई में लगेगा. 31 मई को होने वाली सुनवाई में अगर आतिशी द्वारा पेश किए गए दस्तावेज और रिकॉर्ड किए गए बयान के आधार पर कोर्ट संतुष्ट दिखा तो वह गौतम गंभीर को भी तलब कर सकता है.
बहरहाल, आतिशी का कहना है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो जगह से वोट नहीं दे सकता. धारा 31 के तहत कोई व्यक्ति अगर दो जगह से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराता है तो उसे एक साल तक की सजा दी जा सकती है.
आतिशी ने यह भी कहा कि गंभीर ने नामांकन के समय रिटर्निग ऑफिसर को सौंपे अपने हलफनामे में कहा है कि वह केवल विधानसभा क्षेत्र राजिंदर नगर -39, भाग संख्या 43, सीरियल नंबर 285, ईपीआईसी नंबर - एसएमएम1357243 में मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं. हालांकि, यह पता चला है कि गंभीर को विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र करोल बाग -23, भाग संख्या 86, सीरियल नंबर 87, ईपीआईसी नंबर - आरजेएन1616218 में भी वोट देने के लिए पंजीकृत किया गया था.
आम आदमी पार्टी की नेता ने कहा कि यह तथ्य जानबूझकर अपने नामांकन की फाइलिंग और छानबीन के दौरान छुपाए गए थे, ताकि रिटर्निंग ऑफिसर उनके नामांकन को अस्वीकृति न कर दे. उन्होंने कहा कि चुनावी हलफनामे में दी गई गलत जानकारी भी उक्त अधिनियम की धारा 125ए के तहत दंडनीय है, जिसमें छह महीने की जेल का प्रावधान है. हलफनामे में AAP के उम्मीदवार द्वारा आपत्ति जताए जाने के कारण गंभीर के नामांकन को रोक दिया गया था.
आतिशी ने कहा कि जनता के लिए दुर्भाग्य है कि एक ऐसे उम्मीदवार को उसके स्टारडम का फायदा उठाने के लिए उतार दिया गया, जिसे कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं है. लेकिन इसकी कीमत पार्टी और उम्मीदवार को चुकानी पड़ेगी, क्योंकि उसे जेल भी हो सकती है.