भारतवर्ष की एक परंपरा है, यहां के राजनेता राजनीतिक पार्टियां बहुत ही जल्दी बदलते हैं। इसी का एक उदाहरण आज हम आपको बताने जा रहे है। आज हम बात करेंगे 3 बार के एमएलए और 3 बार सांसद रह चुके राव इंद्रजीत सिंह की। जो 2014 में हरियाणा के गुड़गांव लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। आपकी जानकारी के लिए बता दूं, 2014 से पहले यह महाशय कांग्रेस पार्टी के नेता हुआ करते थे। जो यूपीए सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री भी रह चुके है। जिससे एक बात तो आप समझ ही गए होंगे, हमारे नेता राव इंद्रजीत सिंह कैसे अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक पार्टियां बदलते हैं।
इंद्रजीत पिछले 10 सालों से गुड़गांव के सांसद है, परंतु इंद्रजीत आज तक गुड़गांव जनता से मुखातिब नहीं हुए। बकायदा अगर उनसे कोई सवाल पूछता है, बात तो इंद्रजीत पीछे तक नहीं मुड़ते है। जिससे यह साफ होता है इंद्रजीत जनता के सवालों से हर बार बचते नजर आते है। इंद्रजीत को जनप्रतिधिनि होने के नाते क्षेत्र की जनता से संवाद करना चाहिए। जो चुनावों में जनता से वोट तो मांगने आ जाते हैं, मगर जनता की समस्या सुनने और हल करने के लिए सांसद महाशय कभी क्षेत्र में दिखाई ही नहीं देते हैं। ऐसे में जनता बार-बार इन महाशय पर भरोसा क्यों करेंगी ? जो सांसद अपने क्षेत्र की जनता का हाल ही नहीं जानता हो, उसे जनता क्यों वोट देगी ?
2014- आम चुनाव के 6 महीने पहले इंद्रजीत ने कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी ज्वॉइन कर ली। राजनीतिक विशेषज्ञ और पंडित कहते है, ठीक 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले इंद्रजीत और भूपेंद्र हुड्डा के बीच मतभेद होने लगें थे। जिसके बाद इंद्रजीत ने अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। वहीं बीजेपी ने 2014 में इंद्रजीत को पार्टी में शामिल ही नहीं किया, बल्कि गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से टिकट भी दे दिया। पिछले 5 सालों में बीजेपी की हरियाणा सहित केंद्र में भी सरकार थी। उसके बाद भी सांसद इंद्रजीत महोदय गुड़गांव में कोई विकास कार्य नहीं कर पाए इतना ही नहीं, बल्कि दूर-दूर तक क्षेत्र में दिखाई भी नहीं दिए।
बताइए जो सांसद अपने कार्यकाल में क्षेत्र में दिखाई नहीं दिया, आज वहीं सांसद जनता से वोट मांगता फिर रहा है। ऐसे में गुड़गाव की जनता सांसद महोदय पर कैसे विश्वास और भरोसा करेंगी, कि वो जीतने के बाद क्षेत्र में दिखाई दिगें। जो 3 बार विधायक और 3 बार सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री रहते हुए, अपने क्षेत्र को विकसित नहीं कर सका, वो गुड़गांव को कैसे विकासित कर सकता। गुड़गांव को एक ईमानदार और साफ छवि के सांसद की जरूरत है। जो गुड़गांव को एक नई दिशा और विकास की और ले जा सकें। यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएंगा, गुड़गांव की जनता सांसद इंद्रजीत महोदय पर भरोसा करती है या फिर शिक्षित और ईमानदार उम्मीदवार को संसद भेजती है ?