आस्ट्रेलिया दौरे पर खेलने वाली टेस्ट टीम से शिखर धवन का पत्ता कट चुका है। इससे पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज पर भी उन्हें टेस्ट टीम से बाहर रखा गया था। कुछ लोगों का यह मानना है कि टेस्ट क्रिकेट से अब धवन की विदाई हो चुकी है। वहीं, धवन ने इस पूरे मसले पर कहा कि घरेलू मैदान पर उनका प्रदर्शन हमेशा से अच्छा रहा है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में विदेशी पिचों पर लगातार फ्लॉप होने की वजह से वह बाहर होते रहे हैं और उन्हें हमेशा इसका मलाल रहा है।
हाल में संपन्न टी20 सीरीज में ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुने गए धवन ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा कि ‘हां मैं थोड़ा दुखी था, लेकिन मैं आगे बढ़ गया हूं और मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में हूं। मैं सकारात्मक हूं। मैं अपने खेल का लुत्फ उठा रहा हूं। मुझे थोड़ा ब्रेक मिला है और मैं अपनी ट्रेनिंग का लुत्फ उठाऊंगा और स्वयं को और अधिक फिट बनाने की कोशिश करूंगा। मैं खुश हूं और जब मैं खुश होता हूं, तो चीजें मेरे लिए अच्छी होती हैं।’ दरअसल, दिल्ली के इस सलामी बल्लेबाज को उम्मीद है कि भारत 6 दिसंबर से एडिलेड में शुरू हो रही चार टेस्ट की सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
बता दें कि विश्वकप में अब भी छह महीने का समय बचा है। 115 वनडे मैच खेलने वाले इस अनुभवी खिलाड़ी की नजरें इस दौरान की एक्टिविटीज पर टिकी हैं। आत्मविश्वास से भरे धवन ने कहा कि ‘मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। मेरा मेहनत पर बड़ा विश्वास है और जब मैं इसे सही रखता हूं, तो बाकी चीजें अपने आप सही हो जाती हैं। बेशक हम विश्वकप लेकर स्वदेश जाना चाहते हैं।’ ज्ञात हो कि धवन का इंग्लैंड में सीमित ओवरों के क्रिकेट में रिकार्ड काफी अच्छा है और यही कारण है कि वह वहां अपनी सफलता को लेकर आश्वस्त हैं।
वहीं, दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ अपनी मेजबानी में खेली जा रही सीरीज को लेकर खिलाड़ियों को सलाह दी है कि वह अपनी शैली में बदलाव न करें। उन्होंने कहा कि मैदान पर बहुत अच्छा इंसान बनने से उनके खेल पर प्रभाव पड़ेगा और इससे कुछ हासिल नहीं होगा। जैसा कि जानते हैं कि कंगारू खिलाड़ियों को मैदान पर आक्रामक खेल और व्यवहार के लिए जाना जाता है। ऐसे में क्लार्क ने कहा कि गेंद से छेड़छाड़ के प्रकरण के बाद से खिलाड़ियों ने अपनी इस शैली में बदलाव किया है, जिसके कारण उन्हें मुकाबलों में जीत नहीं मिल सकी है। इसलिए उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अपने इस रवैये में बदलाव लाना होगा।
दरअसल, बॉल टेंपरिंग की घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में हुए बदलाव और ऑस्ट्रेलियाई टीम के बदले हुए रवैये की खूब चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि अब कंगारू टीम मैदान पर अपनी उस आक्रामकता को छोड़ देगी, जो इसकी पहचान रही है। लेकिन, पूर्व कंगारू कप्तान माइकल क्लार्क इससे सहमत नहीं हैं।