देश में इन दिनों राम मंदिर निर्माण को लेकर बहुत कुछ चल रहा है। कोई रैलियां निकाल रहा है, कोई धर्मसंसद का आयोजन कर रहा है। कोई बयानबाज़ी कर रहा है, तो कोई कुछ। रोज़ होने वाली बयानबाज़ी में अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री भी कूद पड़े हैं, और बिना सर पैर का बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। सोमवार को कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब ‘फेब्लस आफ फ्रेक्चरर्ड टाइम्स’ का विमोचन हो रहा था, जिसमें भाग लेने वाले मेहमानों में फारुक़ अब्दुल्ला भी शामिल थे। इस बुक लॉन्च के अवसर पर अब्दुल्ला ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि जब भगवान राम पूरे विश्व के और सर्वव्यापी हैं तो, फिर राम मंदिर अयोध्या में ही क्यों बनाना है?
फारुक अब्दुल्ला के मुताबिक, ‘जब भगवान राम पूरी दुनिया के हैं और हर जगह विराजमन हैं तो आप अयोध्या में ही राम मंदिर क्यों बनाना चाहते हैं?’ खैर फारुक अब्दुल्ला की इस टिप्पणी पर वहां मौजूद जेडीयू नेता पवन वर्मा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और पूछा कि ‘अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं बना सकते?’ अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थल है, ऐसे में हिंदू वहां मंदिर बनाना चाहते हैं तो क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए? अगर हिंदू वहां मंदिर चाहते हैं तो उन्हें बनाने दें। सवाल यह नहीं है कि क्या मंदिर बनाया जाना चाहिए? सवाल यह है कि मंदिर कैसे बनाया जाएगा! बल से, हिंसा से, आपसी समझौते से या फिर कोर्ट के आदेश से।’
इस पर फारुक अब्दुल्ला ने पवन वर्मा से पूछा कि वो इस मामले में कोर्ट का आदेश मानेंगे? फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि लोकतंत्र में आप सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार करना चाहते हैं। इस हिसाब से ‘बिहार के सीतामणि में देवी सीता का मंदिर क्यों नहीं बनना चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘सभी मुसलमानों ने कहा कि वो कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे’। इस पर पवन वर्मा ने उत्तर दिया, ‘अब हम एग्रीमेंट में हैं।’