रमज़ान के दौरान मतदान जल्दी शुरू करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. याचिका में मांग की गई थी कि रमजान के दौरान सुबह 7 बजे के बजाय सुबह 5 बजे से मतदान शुरू कराया जाए ताकि रोजा रखने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को मतदान में परेशानी न हो. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी.
कोर्ट के इस फैसले से पहले चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि मतदान अधिकारी पहले से ही बढ़े हुए घंटों में काम कर रहे हैं, साथ ही हर राज्य में सूर्योदय का समय अलग-अलग होता है. ऐसे में अगर मतदान सूर्योदय से पहले शुरू होगा तो अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक बदलाव करने होंगे. लिहाजा, अब इसमें फेरबदल मुमकिन नहीं है.
हालांकि, 10 मार्च को जब मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव तारीखों की घोषणा की थी, तो उस वक्त भी रमजान में वोटिंग का सवाल उठा था. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि रमजान के पूरे महीने के लिए चुनाव स्थगित करना संभव नहीं था, इसलिए मुख्य त्योहार दिवसों और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है.
चुनाव आयोग की इस दलील के खिलाफ जाते हुए वकील निजामुद्दीन पाशा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और मांग रखी कि रमजान के दौरान वोटिंग का समय सुबह 7 बजे से दो घंटे पहले यानी 5 बजे किया जाए. 2 मई को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस याचिका पर विचार करने के लिए कहा था.
बता दें कि इस साल 7 मई से रमजान शुरू हुआ है. जिसके बाद 12 मई यानी छठे चरण का मतदान रमजान के दौरान हुआ है. अब 19 मई को 59 लोकसभा सीटों पर होने वाला आखिरी चरण का मतदान भी रोजों के दौरान ही होना है. जिससे पहले समय बदलने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.