उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हिंसा के चार दिन गुजर जाने के बाद भी मामला अब तक पूरी तरह सुलझ नहीं पाया है। वहीं जानकारी आ रही है कि भाजपा के कुछ स्थानीय नेता शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार से खुश नहीं थे। इंस्पेक्टर की शिकायत सांसद तक चिट्ठी के माध्यम से पहुंची थी।
हिंसा के चार दिन बाद एक लेटर मीडिया में छाई हुई है। इस लेटर से खुलासा हुआ है कि शहीद इंस्पेक्टर से भाजपा के कुछ स्थानीय नेता खुश नहीं थे। घटना के तीन महीने पहले एक स्थानीय भाजपा नेता ने सांसद को पत्र लिखकर शहीद इंस्पेक्टर सुबोध की शिकायत की थी। इस पत्र में उन्होंने लिखा था, ‘इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों में बाधा डालते है। इस कारण हिंदू समाज में उनके लिए गुस्सा है।’ इस लेटर के आखिरी में यह भी लिखा गया था कि यह मांग भाजपा के सभी स्थानीय नेताओं की है।
पत्र में गोकशी और गाय चोरी करने के मामले में सुबोध कुमार सिंह द्वारा गंभीरता नहीं दिखाने का भी जिक्र था। भाजपा बुलंदशहर के महासचिव संजय श्रोतिया के मुताबिक, ‘कई बार इंस्पेक्टर सुबोध हिंदुओं के कार्यक्रम में खलल डालते थे। उनके खिलाफ हिंदू समाज में गुस्सा था। लोग उनके ट्रांसफर की मांग कर रहे थे, इसलिए हम लोगों ने स्थानीय सांसद के नाम पहली सितंबर को पत्र लिखा था और इंस्पेक्टर सुबोध के ट्रांसफर की मांग की थी।’ इस पत्र में भाजपा के पूर्व पार्षद मनोज त्यागी के साथ कई स्थानीय नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे।
वहीं मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में दिख रहा था कि जीतू नामक फौजी ने इंस्पेक्टर पर गोली चलाई थी। पुलिस ने जीतू को पकड़ने के लिए जम्मू भी गई। ज्ञात हो कि 3 दिसंबर को गोकशी की अफवाह पर बुलंदशहर के स्याना में हिंसा भड़क उठी थी। घटना के दौरान भीड़ ने उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ और आगजनी की थी। हिंसा के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना में सुमित नाम के लड़के की भी गोली लगने से मौत हुई थी।