WWE में कई पहलवानों को धूल चटाने वाले रेसलर द ग्रेट खली शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए कोलकाता पहुंचे. खली ने पश्चिम बंगाल के जाधवपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार अनुपम हाजरा के लिए प्रचार किया. अनुपम हाजरा खली के दोस्त हैं. वे बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
2014 का लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल के बोलपुर से टीएमसी के टिकट पर जीतने वाले अनुपम हाजरा हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए. तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए हाजरा को नौ जनवरी को निष्कासित कर दिया था.
उन्होंने कहा कि खली मेरा अच्छा दोस्त है और दोस्ती के कारण वो यहां आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि खली विश्व स्तर पर लोकप्रिय हैं और युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. मेरे कई समर्थकों ने मुझसे कुछ असाधारण करने का अनुरोध किया है. मुझे लगा कि खली को यहां लाने के लिए ये एक अनूठा मंच है.
जाधवपुर का राजनीतिक इतिहास
1977 के लोकसभा चुनाव से पहले जाधवपुर संसदीय सीट अस्तित्व में आई. यह सीट सीपीएम का गढ़ रही लेकिन फिलहाल ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कब्जा कर लिया है. 1977 और 1980 के चुनाव में सीपीएम के कद्दावर नेता सोमनाथ चटर्जी यहां से सांसद चुने गए. उन्होंने सीपीआई और कांग्रेस आई के उम्मीदवारों को हराया था लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में जो सहानुभूति लहर चली उसमें सोमनाथ दा अपनी सीट बचाने में असफल रहे और कांग्रेस की उम्मीदवार ममता बनर्जी से 1984 में हार गए. सोमनाथ जैसे दिग्गज नेता को पराजित करने से ममता बनर्जी एकाएक आकर्षण का केंद्र बन गईं.
1989 के चुनाव में एकबार फिर बाजी पलट गई और सीपीएम की मालिनी भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी को हरा दिया. 1996 में फिर एकबार हालात बदले और कांग्रेस की कृष्णा बोस सांसद चुनीं गईं जबकि सीपीएम की मालिनी भट्टाचार्य दूसरे स्थान पर रहीं. 1998 में भी कृष्णा बोस को ही सफलता मिली लेकिन इस बार वो WBTC के बैनर तले मैदान में थीं. 1999 तक कृष्णा बोस ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था और संसद में पहुंचने में सफल रहीं.
2004 में एकबार फिर बाजी पलटी और 3 बार से लगातार जीत रहीं कृष्णा बोस को सीपीएम के सुजान चक्रबर्ती ने हरा दिया. 2009 आते-आते ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और मजबूत हो चुकी थी और यहां से पार्टी के सुमन कबीर को विजय हासिल हुई और सीपीएम के सुजान चक्रबर्ती दूसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर वोटिंग का पैटर्न कभी ऐसा नहीं रहा कि किसी एक नेता पर आंख मूदकर भरोसा कर लिया जाए. जाधवपुर से सोमनाथ चटर्जी जीते तो उन्हें यहीं से हार का भी सामना करना पड़ा. सोमनाथ को ममता बनर्जी ने हराया तो ममता बनर्जी को भी यहीं से हार का सामना करना पड़ा. जाधवपुर में सातवें चरण के मतदान के तहत 19 मई को वोटिंग होगी.