आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को होने वाले अपने कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. दरअसल, अखिलेश शुक्रवार को आजमगढ़ में कई जनसभाओं को संबोधित करने वाले थे, ऐन वक्त पर उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए. इसके पीछे सपा नेताओं ने जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.
सपा नेता हवलदार यादव का कहना है कि महागठबंधन के जीत और बीजेपी की हार की हताशा में सत्ता के दवाब में जिला प्रशासन चुनाव को रद्द कराने का बहाना ढूंढ रहा है. इसलिए चुनाव प्रचार के आखिरी दो दिन पहले चुनाव मद में होने वाले खर्च की पूर्व निर्धारित दरों को संशोधित कर दिया है. इस कारण अखिलेश यादव की जनसभाओं को निरस्त कर दिया गया है.
बता दें, आजमगढ़ सीट पर 12 मई को मतदान होना है. शुक्रवार को चुनाव प्रचार शाम पांच बजे तक थम जाएगा. इससे पहले अखिलेश यादव यहां कई जनसभाओं को संबोधित करने वाले थे, लेकिन चुनाव खर्च को लेकर पेंच फंस जाने के कारण अब उन्होंने अपने कार्यक्रमों को रद्द कर दिया. आज यानी गुरुवार को पीएम मोदी ने आजमगढ़ में रैली को संबोधित किया और बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगा.
70 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं प्रत्याशी
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक, एक प्रत्याशी अपने चुनाव के दौरान 70 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. इसमें चुनाव कार्यालय के खर्चों से लेकर प्रचार और जनसभाओं में होने वाले खर्चे शामिल होते हैं. इसके लिए चुनाव आयोग ने दर निर्धारित किए हैं. इसके आधार पर ही जिला प्रशासन खर्च का हिसाब रखता है.
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव 70 लाख रुपये के चुनाव खर्च के पास पहुंच गए हैं. ऐसे में अगर जनसभाओं के बाद वह 70 लाख की लिमिट पार करते हैं तो आयोग उन पर कार्यवाही कर सकता है.