मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चुनाव आयोग ने 3 दिन का बैन लगाया है. साध्वी प्रज्ञा अब 3 दिन तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगी. बैन लगने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने आजतक से बातचीत में कहा कि वे राष्ट्र हित में काम करती रहेंगी.
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि 'मैं चुनाव आयोग के निर्णय का सम्मान करती हूं लेकिन मैं राष्ट्रकार्य अवश्य करती रहूंगी जिससे लोगों में चेतना आ सके. जब उनसे पूछा गया कि अब तीन दिन तक वे बिना प्रचार के जनता तक अपनी बात कैसे पहुंचाएंगी, तो साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि राष्ट्रकार्य करने वालों के लिए जरूरी नहीं कि वे माइक से ही बोलें. उनके अंतरात्मा की आवाज जन-जन तक पहुंची है और वो सब कार्य करेंगे जब मैं नहीं बोलूंगी तब भी. साध्वी ने कहा कि 'तीन दिन मैं चुप रहूंगी लेकिन बाकी सब बोलेंगे.
शिवराज बोले 'साध्वी अकेली नहीं, बीजेपी करेगी प्रचार'
साध्वी प्रज्ञा पर लगे बैन पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि साध्वी खुद को अकेला ना समझें क्योंकि चुनाव साध्वी प्रज्ञा अकेले नहीं लड़ रही बल्कि बीजेपी और भोपाल की जनता लड़ रही है. इसलिए कोई समस्या नहीं आएगी.'
शिवराज ने आगे कहा कि 'प्रचार तो हम कर ही रहे हैं. एक साध्वी प्रज्ञा अकेली थोड़ी ना प्रचार कर रही है. सब कार्यकर्ता लड़ रहे हैं. भोपाल की हजारों हजार जनता लड़ रही है.'
उनके बयान पर कहा कि देखिए मैंने देखा नहीं है. मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता, जब तक मेरे पास ना हो तब तक हम कुछ नहीं बोलेंगे. लेकिन चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं. बहन प्रज्ञा सिंह भी करती है.
क्या था विवादित बयान?
मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बाबरी मस्जिद को लेकर विवादित बयान दिया था. साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने पर उन्हें अफसोस नहीं, बल्कि गर्व होता है.
बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने के सवाल पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, 'ढांचा गिराने का अफसोस क्यों होगा, उस पर तो हम गर्व करते हैं. राम के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उन्हें हमने हटा दिया. इससे हमारे देश का स्वाभिमान जागा है और हम भव्य राम मंदिर मनाएंगे'. उन्होंने खुद ये दावा किया है कि वो बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने में शामिल थीं.'
इसके बाद राम मंदिर क्यों नहीं बन पाया सवाल का जवाब देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा था ,'समय देखो 70 साल हो गए, उन्होंने क्या हाल किया और हमारे देवस्थान भी सुरक्षित नहीं हो पाए. हिंदुओं ने इकट्ठे होकर स्वाभिमान को जागृत किया है ढांचा तोड़कर और भव्य मंदिर बना करके आराधना करेंगे'.
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि किसी कारण से अगर कोई इस माध्यम का लाभ उठाते हैं और इससे देश को नुकसान पहुंचता हो, लोकतंत्र खतरे में हो या फिर सुरक्षा खतरे में हो तो ऐसी परंपराओं में थोड़ी ढील देनी चाहिए. कानून के जरिए बैन लगाया जाए इससे अच्छा है कि वो खुद ही इस पर फैसला लें. अगर कोई इसके लिए जरिए गलत काम करता है तो उनका ही पंथ बदनाम होगा.