दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मुश्किल में फंसती नजर आ रही हैं. उनके दो वोटर आईडी कार्ड मामले को लेकर दायर याचिका पर तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश के चुनाव अधिकारियों को तलब किया है. कोर्ट ने दोनों राज्यों के चुनाव अधिकारियों को वोटर लिस्ट से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है. चुनाव अधिकारियों को यह तमाम जानकारी 3 जून को होने वाली सुनवाई से पहले कोर्ट को देनी होगी.
दरअसल, यह पूरा मामला गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी कार्ड के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी अतिशी मरलेना द्वारा कोर्ट में अर्जी दायर करने के बाद शुरू हुआ. आम आदमी पार्टी जिस वक्त बीजेपी के प्रत्याशी और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी कार्ड के मामले को उठा रही थी, उसी समय बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने सुनीता केजरीवाल के पास दो वोटर आईडी कार्ड होने की शिकायत की. उन्होंने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनीता केजरीवाल के दो वोटर आईडी कार्ड को लेकर याचिका डाल दी.
वहीं, बीजेपी का कहना था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी प्रत्याशी गौतम गंभीर को दोषी ठहराने में जुटे हुए हैं, जबकि खुद उनके घर में उनकी पढ़ी-लिखी और वरिष्ठ अफसर रहीं सुनीता केजरीवाल दो वोटर आईडी कार्ड लेकर बैठी हैं. हरीश खुराना की याचिका को तीस हजारी कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. इस मामले में चुनाव अधिकारियों को कोर्ट में इस बात का सत्यापन करना होगा कि क्या वाकई अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के 2 वोटर आईडी कार्ड है.
अगर कोर्ट में यह साबित हो जाता है कि सुनीता केजरीवाल के दो वोटर आईडी हैं, तो कोर्ट सुनीता केजरीवाल को समन कर सकता है. जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के तहत इस मामले में एक साल तक की सजा का भी प्रावधान है. फिलहाल इस मामले में जन चुनाव अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया है. उनको याचिकाकर्ता ने बतौर गवाह कोर्ट में पेश करने की इजाजत मांगी थी.
सुनीता केजरीवाल पर आरोप है कि उनके पास उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का भी वोटर आईडी कार्ड है. साथ ही उन्होंने दिल्ली में भी अपने नाम का वोटर आईडी कार्ड बनवा लिया है. इस मामले में याचिकाकर्ता हरीश खुराना की तरफ से पेश हुए वकील अनिल सोनी का कहना था कि सुनीता केजरीवाल पढ़ी-लिखी महिला हैं और नियम कानूनों की पूरी जानकारी रखते हैं. इसके बावजूद उन्होंने दोनों जगह का वोटर आईडी कार्ड रखा है, जो कानूनन अपराध है.