लोकसभा चुनाव 2019 की लड़ाई के केंद्र में अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी आ गए हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार किए जा रहे हमलों का अब कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया है. कांग्रेस की ओर से जवाब दिया गया है कि वह किसी भी मुद्दे पर बहस करने को तैयार हैं, लेकिन अगर कोई राफेल के मुद्दे पर बहस करने को भी तो तैयार हो. कांग्रेस ने जवाब देते हुए कहा कि राजीव गांधी को तो वाजपेयी सरकार ने भी क्लीन चिट दी थी.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आप (मोदी सरकार) बोफोर्स पर बहस चाहते हैं तो हम उसके लिए भी तैयार हैं हम आपकी तरह डरपोक नहीं हैं जो राफेल पर बहस ना करें.
उन्होंने कहा कि 2003 में वाजपेयी जी की सरकार थी और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी थे. दिल्ली हाईकोर्ट में उन्होंने बोला था कि राजीव गांधी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने राजीव गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने से मना कर दिया था.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो अपनी विफलताओं को दूसरे के ऊपर थोप देते हैं. वह आज भी अपनी विफलताओं के लिए जवाहल लाल नेहरू, राजीव गांधी और पिछली कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार बता रहे हैं.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पांच साल नरेंद्र मोदी काम नहीं कर पाए और अब राजीव गांधी का नाम उछाल कर मुद्दे को भटकाने का काम कर रहे हैं. पवन खेड़ा ने कहा कि हमने लगातार आरटीआई डालकर पीएम मोदी के विदेशी दौरों की जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने कभी जानकारी नहीं दी.
उन्होंने सवाल किया कि नरेंद्र मोदी के साथ विमान में कौन-कौन जाता है, इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा INS विराट पर राजीव गांधी के हॉलिडे मनाने के आरोप पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ये सभी आरोप निराधार हैं. INS विराट को खुद नेवी एडमिरल ने तैनात करवाया था. मुद्दे की बात तो ये है कि राजीव गांधी को वीपी सिंह की सरकार ने सुरक्षा प्रदान नहीं की थी, जिस सरकार को भारतीय जनता पार्टी समर्थन कर रही थी.