सवर्णों के सामने कुर्सी पर बैठकर एक दलित ने खाना खाया तो ऊंची जात के लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 10 दिन बाद रविवार को उसकी मौत हो गई. समाज को हिला देने वाला ये मामला उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले का है.
27 साल का दलित युवक जितेंद्र अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने 26 अप्रैल को श्रीकोट गांव गया था. श्रीकोट गांव, टिहरी गढ़वाल जिले के नैनबाग तहसील के अंतर्गत आता है. इसी गांव की शादी में समाज के विभेद को दर्शाने वाले यह घटना घटी.
शादी में जितेंद्र एक कुर्सी पर बैठकर खाना खा रहा था. उसके आसपास कुछ सवर्ण भी खाना खा रहे थे. इसी बीच कथित रूप से एक सवर्ण जाति का व्यक्ति वहां आया और दलित युवक को जातिसूचक शब्द बोलकर कुर्सी से उठने के लिए कहने लगा. जब युवक ने उठने से इंकार कर दिया तो इसके बाद उसने युवक को पीटना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने बीच-बचाव करके मामला शांत करा दिया.
दलित युवक की बहन के मुताबिक, जब भाई अपने घर लौटने लगा तो झगड़ा करने वाले कुछ लोग उसके पीछे चल दिए और रास्ते में उसको पीटा जिससे उसे गंभीर चोटें आईं. बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां 10 दिन बाद रविवार को जितेंद्र की मौत हो गई. जितेंद्र की मौत की सूचना मिलते ही गांव वालों और परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचा दिया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
परिजनों की शिकायत पर पर थाना कैम्पटी में 7 नामजद लोगों के खिलाफ धारा 147, 323, 504, 506 आईपीसी व एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस ने शिकायत के आधार पर गजेंद्र सिंह, शोभन सिंह, कुशल सिंह, गब्बर सिंह, गंभीर सिंह, हरबीर सिंह, हुकुम सिंह के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है.
बता दें कि मृतक दलित युवक परिवार में कमाने वाला अकेला था. घर में एक छोटा भाई, बहन और विधवा मां है. अब पूरे घर की जिम्मेदारी बहन पर आ गई है.